कश्यप परिवार ने पेश की एक नई मिसाल
टिटौली में हुआ कन्या-जन्म पर ‘कुँआ-पूजन’
श्रीमती सीमा कश्यप अपनी ननद श्रीमती राजल के साथ ‘कुँआ-पूजन’ करने जाते हुए
समाज में कन्या-जन्म पर सदियों से निभाई जाने वाली गलत परंपराओं को बदलकर निकटवर्ती गाँव टिटौली के कश्यप परिवार ने एक नई मिसाल पेश की है। युवा समाजसेवी राजेश कश्यप के घर पहली संतान के रूप में लड़की पैदा होने पर परिवार ने जबरदस्त खुशियाँ मनाईं और सभी सामाजिक रस्म एवं रिवाजें पूरी कीं। इसके साथ ही शास्त्र-विधिनुसार ‘नामकरण-संस्कार’ करवाया गया और नवजात कन्या का नामकरण ‘स्वाति’ के रूप में हुआ। इसी क्रम में लड़के के जन्म पर होने वाली ‘कुँआ-पूजन’ की रस्म भी बड़े हर्षोल्लास के साथ निभाई गई। इस अवसर पर एक दशक से ‘महिला-सशक्तिकरण’ अभियान में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहे युवा समाजसेवी राजेश कश्यप ने अपने उद्गार प्रकट करते हुए कहा कि ‘हर सामाजिक संस्कार पर लड़की का भी बराबर अधिकार है। इसलिए प्रत्येक माता-पिता का यह नैतिक फर्ज+ बनता है कि वे लड़की को किसी भी तरह के सामाजिक संस्कार से वंचित न रखें।’ श्री कश्यप ने आगे कहा कि कन्या-भू्रण हत्या महापाप है और निरन्तर हो रही कन्या-भ्रूण हत्याओं के कारण सामाजिक सन्तुलन खतरे में पड़ने लगा है। नवजात कन्या की माँ श्रीमती सीमा देवी को बेहद खुशी और गर्व है कि उनके घर ज्येष्ठ संतान के रूप में लक्ष्मी आई है। दादा महेन्द्र सिंह कश्यप व दादी श्रीमती कैलाशो देवी ने भी कन्या-जन्म पर खुशी जताते हुए कहा कि समाज में लड़कियों के प्रति बहुत बदलाव आया है। पहले लड़कियों के जन्म पर भारी मातम मनाया जाता था, ठीकरे फोड़े जाते थे और ‘कुँआ-पूजन’ जैसी परंपराओं के स्थान पर कुरड़ियों पर कूड़ा फेंका जाता था, जोकि बहुत ही गलत परंपराएं थीं। समस्त कश्यप परिवार ने कन्या जन्म पर सदियों से चल रही सड़ी-गली परंपराओं को छोड़ने का आह्वान किया है। कश्यप परिवार द्वारा कन्या जन्म पर अपनाई गई नई परंपराओं के लिए समाज के अनेक गणमान्य व्यक्तियों एवं वरिष्ठ समाजसेवियों ने सराहना की है और नवजात कन्या को अपना आशीर्वाद एवं कश्यप परिवार को अपनी हार्दिक बधाईयां दीं हैं।
yup this is really appreciated...
जवाब देंहटाएंgod bless u nd may u live long SWATI.....
its great revolution in haryana state i may proud of kashyap rajput samaj
जवाब देंहटाएं